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युरोप में पुनर्जागरण के परिणाम

युरोप में पुनर्जागरण के परिणाम (Results of Renaissance in Europe): अभिव्यक्ति भावना का विकास, भौतिकवादी दृष्टिकोण का विकास…

अभिव्यक्ति भावना का विकास

पुनर्जागरण ने मनुष्य को अपनी बात को कहने-सुनने के लिए स्वतंत्र कर दिया था। अब वह सम्राट या पोप के आदेशों के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य नहीं था। वह अपने विचारों की व्यक्तिगत रूप से किसी भी प्रकार से अभिव्यक्ति कर सकता था। 

भौतिकवादी दृष्टिकोण का विकास 

पुनर्जागरण ने मनुष्य को भौतिकवादी बना दिया। मध्य कालीन मजहब केंद्रित सभ्यता को आधुनिक मानव केंद्रित सभ्यता बना दिया। अब मनुष्य ने परलोक के नाम पर त्याग करना छोड़ दिया। अपने भौतिक जीवन की सुख की ओर ध्यान दिया। पुनर्जागरण कालीन वैज्ञानिकों विद्वानों, साहित्यकारों और कलाकारों ने मानव संसार को सुंदर और समृद्ध बनाने की बात कही। जनता को जीवन और जग का संबंध समझ में आ गया साथ ही मनुष्य को भौतिक जीवन का महत्व ध्यान में आ गया। वैज्ञानिक आविष्कारों द्वारा प्रकृति पर विजय तथा भौगोलिक खोज मनुष्य का लक्ष्य बन गया। 

वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास

पुनर्जागरण ने पुराने मजहबी संस्थानों विचारों तथा परंपराओं को झकझोर दिया। मध्य काल में मानव मस्तिष्क पर मजहब का जो विशेष प्रभाव था, उसे पुनर्जागरण ने दूर किया तथा निकट भविष्य में होने वाले सुधारों के लिए बाध्य किया। इस वैज्ञानिक दृष्टि कोण व तार्किक विवेचन ने प्राचीन मजहबी ग्रंथों में चली आ रही परंपराओं और सिद्धांतों को हिला के रख दिया। बौद्धिक दृष्टि कोण के विकास ने ईसाई मजहब के विश्वासों और प्रचलनों की परीक्षा तर्क की कसौटी पर की। 

पुरातन के प्रति मोह भंग होना 

यूरोप में मध्यकाल के लोगों को पुरातन ज्ञान में कोई रूचि नहीं रही थी। 

राष्ट्रीयता का विकास 

पुनर्जागरण ने चर्च और पोप की सत्ता के प्रभाव में कमी आने से लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का विकास हुआ। राष्ट्रीय भावना ने लोगों की अपने राष्ट्र की शक्ति के विकास में रूचि बढ़ाई। 

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